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Monday, December 5, 2011

मैं उसी राह चलता जांऊ ~♥ kalp ♥~

ज़िन्दगी जिस राह ले गयी, उसी राह चलता रहा,
सपने आँखों पे पलते रहे, मैं तन्हा चाँद को निहारता रहा,

वक़्त भी हमेशा एक ही करवट चलता रहा,
भोर का तारा मुझसे कई सवाल करता रहा,

दोसरों की ख़ुशी में, अपने चहरे की हंसी तलाशता रहा,
हर वक़्त, हर महफ़िल में, अपने आँसू तन्हा मैं पीता रहा,

एक कोई आये मेरी राहों की मंजिल बनके,
फ़िर ज़िन्दगी जिस राह ले जाये मुझे, मैं उसी राह चलता जांऊ !! ~♥ kalp ♥~

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